सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक और भूमिका आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से )
भावों की अविरल धारा में,
मैं डुबकी खूब लगाऊँगा।
शब्दों की पतवार थाम,
लहरों से लड़ता जाऊँगा।
शास्त्री सर जी जंग जीत चुकें है और बहुत जल्द पूर्ण स्वस्थ होकर
हम सब के बीच उपस्थित होंगे,तब तक....
मन में आशा और विश्वास की ऊर्जा का संचार करने वाली
उनकी इस सुंदर रचना का आनंद उठाए....
जो मेरे मन को भायेगा,
उस पर मैं कलम चलाऊँगा।
दुर्गम-पथरीले पथ पर मैं,
आगे को बढ़ता जाऊँगा।।
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काश, मनमोहन कोई धुन बजा दे...और जीवन से ये दर्द मिटा दे खैर,
जिज्ञासा जी की कलम से निकली ये मधुर धुन थोड़ी देर के लिए
आपके मन को शीतलता जरूर प्रदान करेगी
ऐसी कौन मधुर धुन गाए
सुन सुन मोरा जिय हुलसाए
कभी लगे बाँसुरिया बाजे
कभी पखावज की धुन साजे
लगे कन्हैया नाचत आए
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"यह नीड़ नहीं, दिल मेरा है
आंगन में तेरे उकेरा है"
आज हर आँगन में ऐसे ही एक नीड़ की जरूरत है
जहां सिर्फ प्यार का बसेरा हो,और कुछ नही.....
ठीक करती हो तुम
कि दूर रहती हो मुझसे,
हो सकता है बच जाओ,
पर संभलकर रहना,
मैंने सुना है,
आजकल कोरोना हवाओं में है.
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काश,कान पकडने के बाद भी बच्चों को सबक मिल जाए.....
धरती माँ ने पकडे कान,
काहे पैदा किया इंसान!
भाई से भाई लड़ता है,
बेटा बाप पे अकड़ता है!
धन-दौलत की खातिर इन्सां,
अपनों के सीने चढ़ता है!
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भोर को रूठा हुआ-सा
मन में रावण पलता सबके,
आलू साबूदाना पापड़ आप बिना धुप के भी बना सकते है। ये पापड़ पंखे की हवा में भी अच्छे से सूख जाते है और इन्हें आप उपवास में भी खा सकते है। ये बहुत ज्यादा करारे, पतले और स्वादिष्ट बनते है। तो आइए, बनाते है आलू साबूदाना पापड़ (Aloo sabudana papad)
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akele me padhna
ReplyDeleteसुप्रभात !
ReplyDeleteकामिनीजी आपको मेरा हार्दिक नमस्कार,
आदरणीय शास्त्रीजी की मनोबल बढ़ाती सुंदर कविता से आगाज होता आज का अंक विविधतापूर्ण और सुंदर शब्दावलियों से सुशोभित रचनायें मन मोह गई ।
आपके श्रमसाध्य कार्य तथा मेरी रचना के चयन के लिए आपका बहुत शुक्रिया,सभी रचनाकार स्वस्थ रहें और अपनी लेखनी की दीप्ति जगमगाते रहें, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ जिज्ञासा सिंह ।
अत्यंत सार्थक, सुंदर और सायास संकलन!!! बधाई और आभार!!!
ReplyDeleteआदरणीय शास्त्री जी, स्वस्थ्य जो रहे है यह जानकर बहुत खुशी हुई। ईश्वर उनको और जल्दी स्वस्थ्य करे यही ईश्वर से प्रार्थना है।
ReplyDeleteउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
सुंदर प्रस्तुति.मेरी रचना के चयन के लिए शुक्रिया.
ReplyDeleteविविधता भरे पठनीय सूत्र
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteसभी रचनाकारों को बधाई।
सभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर।
आदरणीय शास्त्रीय के स्वास्थ्य लाभ का पढ़ कर बहुत खुशी हुई।
वे शीघ्र पूर्ण स्वस्थ होकर सक्रिय हों ऐसी शुभकामना हैं
सादर।
आदरणीय शास्त्रीजी के स्वास्थ्य लाभ का समाचार पढ़कर संतोष हुआ एवं प्रसन्नता भी।
ReplyDeleteभावों की अविरल धारा में,
मैं डुबकी खूब लगाऊँगा।
शब्दों की पतवार थाम,
लहरों से लड़ता जाऊँगा।
सकारात्मक प्रेरणादायी पंक्तियों से अंक का प्रारंभ, सुंदर रचनाओं का चयन एवं बेहतरीन प्रस्तुति। बहुत अच्छा चर्चा अंक।
बहुत सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार सखी।
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत चर्चा प्रस्तुति
ReplyDeleteआप सभी गुणीजनों का मंच पर उपस्थित होना सुखद है,आज के परिवेश में एक पठन-पाठन ही सबसे बड़ा सहारा है और इसी माध्यम से हम सब आपस में जुड़ें भी है और इस जुड़ाव ने हमें अनदेखे बंधन में बाँध रखा है जहाँ हम एक दूसरे के लिए फिक्रमंद हो जाते हैं।
ReplyDeleteआप सभी का तहे दिल से शुक्रिया एवं सादर नमन
बहुत ही खुशी की बात है कि आदरणीय शास्त्री जी स्वस्थ हो रहे हैं आपने यह सुखद समाचार हम लोगों के बीच दिया बहुत-बहुत धन्यवाद
ReplyDeleteशानदार प्रस्तुति के लिए आपका आभार