सादर अभिवादन।
सोमवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
आज विश्व हिंदी दिवस है। चर्चामंच की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ।
हमारा राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर है जो 1949 से आरंभ हुआ था। हिंदी को विश्वभर में प्रचारित-प्रसारित करने व लोकप्रिय बनाने हेतु विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की थी।
आइए पढ़ते हैं आज की कुछ चुनिंदा रचनाएँ -
गीत "हर रोज रंग अपना, गुलशन बदल रहा है" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
तुम्हें जानेमन अब बदलना तो होगा -सतीश सक्सेना
सुन रहे हो न तुम!
कविता कोरी कल्पना नहीं है
उसमें प्राण हैं
आत्मा है किसी की
वह देह है
किसी के प्रेम की
किसी के स्वप्न की
किसी के त्याग की
वर्षों की तपस्या है किसी की
कविता मीरा है
बार-बार विष का प्याला पीती है
बोले, जालिम क्या खूब जिंदगी जी गया,
दर्द को क्या समझेंगे मेरे वो फूलों पर चलने वाले,
एक कांटा क्या लगा ,
जख्मों को कोई आंसू के मरहम से सी गया,
*
रग-रग में मूल्य संस्कारों का खून बहता हो,
सिक्खी सारे जहां में महान हो जाती है।
तख्तो ताज के जानिब बहाते खून देखा है,
वतनो धर्म के ऊपर सिक्खी कुर्बान जाती है।
*
रुदन भी खो गयाअचरज बो गया,
सूखी आँखों में
बस जलन बाकी
हर साथी खो गया।
*
गूगल भी जिसको कर रहा सलाम, ऐसी शिक्षका फ़ातिमा शेख के बारे में पढ़िए जिनका आज जन्मदिन है❤️
फ़ातिमा शेख़, उस्मान शेख की बहन थी, जिनके घर में ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले ने निवास किया था जब फुले के पिता ने दलितों और महिलाओं के उत्थान के लिए किए जा रहे उनके कामों की वजह से उनके परिवार को घर से निकाल दिया था। वह आधुनिक भारत में सब से पहली मुस्लिम महिला शिक्षकों में से एक थी और उसने फुले स्कूल में दलित बच्चों को शिक्षित करना शुरू किया। ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले, फातिमा शेख के साथ, दलित समुदायों में शिक्षा फैलाने का महान काम किया !*नीति के दोहे मुक्तकपरिवर्तन
बदल रही है संस्कृती, बदल रहा है देश।
माता पिता देश में, बेटा बसा विदेश।।
कर्तव्य
मातु पिता सेवा नाहि , सेवा कैसे होय।
जैसा तेरा कर्म हो,फल मिलेगा सोय।।
*
******आज बस यहीं तक फिर मिलेंगे आगामी सोमवार। रवीन्द्र सिंह यादव
बहुत ही शानदार प्रस्तुति से
जवाब देंहटाएंशीर्षक बहुत कुछ कह रहा है..!
इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आभार🙏
बहुत सुंदर सराहनीय अंक, हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
जवाब देंहटाएंबढ़िया संकलन
जवाब देंहटाएंसराहनीय संकलन।
जवाब देंहटाएंसभी को विश्व हिंदी दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएँ।
सादर
बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं