सादर अभिवादनरविवार की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है(शीर्षक और भुमिका आदरणीया जिज्ञासा जी की रचना से)
जग का, मन का औ जीवन का
अवरुद्ध विषम हर मार्ग दिखे
फिर मातुपिता के चरणों में
जाकर झुक जाना आज प्रिये ।।
आदरणीया जिज्ञासा जी की लिखी बहुत ही सुन्दर पंक्तियां...
सच,जब भी परिस्थितियां बिषम होती है... माता
पिता के स्मरण मात्र से ही राहें आसान हो जाती है।
चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर...
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गीत, महक से भर गई गलियाँ (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
सुलगते प्यार में, महकी हवाएँ आने वाली हैं।
दिल-ए-बीमार को, देने दवाएँ आने वाली हैं।।
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चटककर खिल गई कलियाँ,
महक से भर गई गलियाँ,
सुमन की सूनी घाटी में, सदाएँ आने वाली है।
दिल-ए-बीमार को, देने दवाएँ आने वाली हैं।
चहुँ ओर तिमिर घनघोर घना
है दूर मयूख कहीं नभ में
उस नवल किरन की छाँव तले
तुम बढ़ती जाना आज प्रिये ।।
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सुनना है सुख, पुण्य प्रदायक
सुनने की महिमा है अनुपम,
करे श्रवण जो बनता साधक
मिल जाता इक दिन वह प्रियतम !
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शतरंज के रण में राजा खड़ा,
खोज रहा है साथ,
घोड़े, हाथी, सैनिक दौड़ो,
होगी सह और मात।
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अनुराग
यूं तो मुझसे छोटा है उम्र में,
पर लगता है हम उम्र-सा।
मासूम है छोटे बच्चे-सा।
मासूमियत झलकती है,
उसके हर इक बात में।
गलती से भी न जाए गलत राह पे
बस यही चाह है इस दिल में।
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उनकी बातेंअधूरी ही, रह गई थी, सैकड़ों बातें,
उधर, स्वतः रातों का ढ़लना,
अंततः एक सपना,
आंखों में, भर गई थी उसकी बातें,
जैसे-तैसे, कटी थी रातें!
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दिवंगत माता जी को सत सत नमन
मन में माँ और माँ में मन (पुण्यस्मृति नमन) यादें कण-कण घुली हुई हैं, रुधिर जो बहता मेरी नस-नस। मन में माँ और माँ में मन चाहे राका या अमावस। *******
पुरुषों के लिए भी कानून बनाने का समयहमें यह समझना चाहिए कि विवाह कोई अनुबंध नहीं बल्कि एक संस्कार है। बेशक लिव-इन-रिलेशनशिप को मंजूरी देने वाले घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 के प्रभाव में आने के बाद ‘संस्कार’ शब्द का कोई अर्थ नहीं रह गया है परंतु फिर भी हम वर्तमान ही नहीं आने वाली पीढ़ियों के लिए भी कम से कम बदतर उदाहरण तो ना ही बनें। तलाक के मामलों के अलावा झूठे रेप केस में पुरुषों को फंसाने वाली महिलाएं, उन वास्तविक रेप पीड़िताओं की राह में कांटे बो रही हैं जो वास्तव में इस अपराध को झेलती हैं।********एक हमारी पीढ़ी है जो आज भी दिवंगत मां के याद में आंसू बहाती है क्योंकि माताएं होती ही ऐसी थी। आज तो माताओं बहनों ने भी अपना धर्म और कर्म दोनों को त्याग दिया है।आप ने बिल्कुल सही कहा अलकनंदा जी कि"मां” के किसी भी तरह डगमगाने पर पूरा परिवार, सारे रिश्ते नाते तहसनहस हो जाते हैं और ऐसा होते ही सामाजिक तानाबाना चरमराने लगता है"
बहुत ही विचारणीय विषय पर चिंतनपरक लेख लिखा है आपने।
******आज का सफर यही तक, अब आज्ञा देआप का दिन मंगलमय होकामिनी सिन्हा
बहुत सार्थक और उम्दा प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी!
बहुत ही सुन्दर अंक।।।।।। बहुत बहुत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसुप्रभात 👏👏
जवाब देंहटाएंइस सुंदर अंक में मेरी रचना की भूमिका पढ़ बहुत ही सुखद अनुभूति हुई । यह क्षण देने के लिए और मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए बहुत शुक्रिया ।
बहुत सराहनीय और पठनीय अंक ।
सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।
आपको मेरा नमन और वंदन 💐💐👏👏
सुप्रभात 💐
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति!
सभी अंक तक जाने के लिए उत्साहित हूँ!
मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आपका दिल की गहराइयों से बहुत बहुत आभार व धन्यवाद प्रिय मैम🙏🙏
यह रचना मात्र नहीं है यह इक एहसास इक रिश्ते की निशानी और बेस कीमती वक़्त से मिलकर बनी खूबसूरत
यादें जिसे यादों के संदूक में सजों कर रखने चाह है!और आपने इसे चर्चा मंच में जगह दे कर इसे एक नया रूप दे दिया है! 🙏
इस चर्चा अंक में सम्मिलित सारी रचनाएँ उत्कृष्ट रही। सभी रचना कारों को सहृदय साधुवाद। आ कामिनी जी को सफल चर्चा के आयोजन के लिए हार्दिक आभार!--ब्रजेंद्रनाथ
हटाएंशानदार चर्चा!
जवाब देंहटाएंशानदार लिंक चयन।
सुंदर शीर्षक।
कामिनी जी आपकी अलकनंदा जी की रचना पर टिप्पणी बहुत सटीक है।
सभी रचनाएं बहुत आकर्षक सुंदर, सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
सस्नेह सादर।
कामिनी जी और कुसुम जी, इतनी अच्छी टिप्पणी के लिए आप दोनों का हार्दिक धन्यवाद। आपकी ये हौसलाअफजाई हमें आगे और बहुत कुछ करने के लिए प्रेरित करती है। आभार । सभी लिंक एक से बढ़कर एक दिए हैं आपने
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह!सराहनीय संकलन।
जवाब देंहटाएंसभी को बधाई।
सादर
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर शत शत नमन।
जवाब देंहटाएंसादर
देर से आने के लिए खेद है, सुंदर चर्चा, बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंइतने सुंदर संकलन का हृदय से आभार, कामिनी जी!
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत चर्चा
जवाब देंहटाएंमुझे आपकी वेबसाइट पर लिखा आर्टिकल बहुत पसंद आया, इसी तरह से जानकारी share करते रहियेगा|
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