सादर अभिवादनमंगलवार की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।(शीर्षक और भुमिका आदरणीया अनीता जी की रचना से)
धड़कता है
अजन्मा-सा एक गीत
एहसास का कंपन लिए
बहता है बसंती बयार-सा
मेरे भीतर
******
प्रिय अनीता जी के कलम से निकली "प्रीत की मधुर अभिव्यक्ति"
इस मधुर गीत का आनंद उठाते हुए चलते हैं, आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....
*****
"निर्वाचनी बयार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
चली उत्तराखण्ड में, निर्वाचनी बयार।
धामी के नेतृत्व में, युवा हुए तैयार।।
अलग-थलग सब पड़ गये, झाड़ू हाथी हाथ।
जाने को तत्पर हुए, लोग कमल के साथ।।
*******
करवट बदलते हैं भाव
झपकी लेती पलकों से
लुढ़कती ओस बूँदों-सा
एक गीत पल रहा है
मेरे भीतर तुम्हारे लिए।
********
सुदूर घाटी में जब बजाता है
कोई चरवाहा बांसुरी
तो झूमने लगती है
पूरी वादी तब ये...
अचल और स्थितप्रज्ञ
साधक से खड़े रहते हैं
अपनी ही धुन में मग्न
निर्विकार और निर्लिप्त
*******
शूरां री धरतीकण-कण में जनम्या बाँकुड़ा
नाहर सिंघ सुबीर
देश दिसावर गगन गूँजतो
रुतबो राख्यो धीर।
शीतलता भरता था सुमिरन
जग की आँधी में उड़ा दिया,
श्वासों की माला जपनी थी
सपनों, नींदों में भुला दिया
******
एक तो रास्ता इतना ख़राब, ऊपर से अंधेरे में बाइक की हैडलइट के सहारे चलना... तोबा-तोबा! यार अनिरुद्ध! अब और कितना दूर है तुम्हारा माधोपुर?" -बाइक पर पीछे बैठे डॉ. आलोक सिन्हा ने हल्की झुंझलाहट के साथ अपने मित्र से पूछा।********** ठंडी हवा का झोंका था आकर चला गया,
टिप्स को अपनाकर आप अपने काम बहुत आसानी से कर पायेंगे एवं आपके समय की भी बचत होगी। जानिए 11 ऐसे किचन टिप्स जो आपको बना देंगे स्मार्ट गृहिणी! इन्हें जानकर आप कहेंगे कि काश, ये टिप्स हमें पहले पता होते!!
*******
मोमबत्तियों की संख्या से विचलित ना हो, उनके बढ़ते आलोक का आनंद लेने वाले
काले पानी की सजा पाने वालों में विभिन्न प्रदेशों, जातियों, धर्मों के स्त्री-पुरुष दोनों ही होते थे ! ब्रिटिश सरकार के अधिकारी इन कैदियों में से कइयों की सजा समय-समय पर उनका आचरण देख काम या माफ करते रहते थे ! पर सजा मुक्त होने पर भी उन्हें मुख्य भूमि पर ना भेज, वहीं बसा दिया जाता था। उनके आपस में विवाह भी करवा, परिवार बनवा, कुछ टुकड़े जमीनों के भी दे दिए जाते थेे।
*********
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या की हार्दिक शुभकामनाएं
आज का सफर यही, तक अब आज्ञा दे
आप का दिन मंगलमय हो
कामिनी सिन्हा
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ सुंदर,सराहनीय और पठनीय । मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार और अभिनंदन
कामिनी जी ।आपको और सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाओं सहित सादर नमस्कार ।
जिस तरह गुलदस्ता विभिन्न प्रकार के फूलों से सज कर अपनी खुशबू चारों ओर बिखेरने लगता है और सबको अपनी ओर आकर्षित कर लेता है
जवाब देंहटाएंवैसे ही आज का चर्चा मंच विभिन्न प्रकार की रचनाओं से सजा और अपनी महक भी बिखेरता हुआ सबको अपनी तरफ आकर्षित करता हुआ 💐
आभार🙏
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर एवं सराहनीय संकलन।
जवाब देंहटाएंशीर्षक पर स्वयं की रचना का शीर्षक देख अत्यंत हर्ष हुआ।
हार्दिक आभार आदरणीय कामिनी दी जी।
सादर
बहुत सुन्दर और सारगर्भित चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
सुप्रभात और शुभकामनाएँ ! पठनीय रचनाओं से सजी सुंदर चर्चा, आभार!
जवाब देंहटाएंसुंदर, रोचक और सराहनीय रचनाओं का उत्कृष्ट संकलन ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार ।कामिनी जी👏👏
सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं💐💐
मुझे आपकी वेबसाइट पर लिखा आर्टिकल बहुत पसंद आया इसी तरह से जानकारी share करते रहियेगा
जवाब देंहटाएंशानदार शीर्षक शानदार भूमिका।
जवाब देंहटाएंबहुत सराहनीय अंक कामिनी जी सुंदर श्रमसाध्य।
सभी लिंक्स पठनीय आकर्षक ,सभी रचनाकारों को बधाई।
मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
सस्नेह।
बढ़िया संकलन आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचनाओं से सुसज्जित मनमोहक अंक! सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई! मेरी रचना को इस अंक का हिस्सा बनाने के लिए आदरणीया कामिनी जी का बहुत-बहुत आभार!
जवाब देंहटाएं