सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
शीर्षक और भूमिका
आदरणीया अभिलाषा चौहान जी की रचना से
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दीप तुम कब तक जलोगे?
स्वयं को ही छल रहे हो?
बस अकेले चल रहे हो..
अभिलाषा जी की लिखी बहुत ही सुन्दर पंक्तियां
सच, आखिरी लौ के साथ दीप भी हिम्मत हार ही जाती है
अकेले चलते-चलते वो भी थक ही जाती है
लेकिन इस वक़्त हिम्मत बढ़ाते एक शब्द या यूं कहें प्यार से डाले गए तेल की कुछ बूंदें उसे फिर से प्रज्वलित कर देती है...
आईए, दीपक को बुझाने वाली हवा नहीं
उसे प्रज्वलित करने वाली तेल की बूंद बने
चलते हैं आज कि कुछ खास रचनाओं की ओर....
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"अमल-धवल होता नहीं, सबका चित्त-चरित्र"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
यामिनी को भेद लोगे,भ्रांत ये अवधारणा है
तुम विवश क्लांत हो कितने,यही सदा विचारणा है
आँधियों से जूझते हो,हारते थकते नहीं हो
पंथ से परिचित भले हो,आकलन करते नहीं हो।
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मधु और दीप को परिभाषित करने के लिए मधुदीप जी से जुड़े लोगों के अनुभव को सुनने- पढ़ने से आसान हो जाएगा। मधुदीप जी के स्वभाव में माधुर्य था तो उनका लघुकथा के प्रति समर्पण, लघुकथा के लिए किया कार्य सदैव दीपक रहेगा व सूर्य ही रहेगा। -----------------------------मत चूको चौहान
तुम्हारा आना
नयनों का लजाना
बातों का बिसराना
याद आ गयीं
वो बिसरी सी बातें
मीठी सी मुलाकातें
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परवाज़ परिंदों की अभी बद-हवास है ...
दो बूँद गिरा दे जो अभी उसके पास है,.बादल से कहो आज मेरी छत उदास है. तबका न कोई चैनो-अमन से है रह रहा,सुनते हैं मगर देश में अपने विकास है. ज़ख्मी है बदन साँस भी मद्धम सी चल रही,टूटेगा मेरा होंसला उनको क़यास है.--------------------------------------------
जब से हुई है तुमसे मुलाकात शाम की
बिना चाशनी बनाये हरे चने की बर्फी
दोस्तो, बर्फी तो आपने कई तरह की बनाई और खाई होगी लेकिन क्या आपने हरे चने (Green chickpea) की बर्फी बनाई या खाई है? हरे चने को होले या छोलिया भी कहा जाता है। हरे चने की बर्फी खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगती है। यह बनाना तो बहुत ही आसान है क्योंकि यह हम बिना चाशनी के बनायेंगे।--------------------------आज का सफर यही तक, अब आज्ञा देआप का दिन मंगलमय होकामिनी सिन्हा
बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की पोस्ट का
लिंक सम्मिलित करने के लिए
आपका आभार कामिनी सिन्हा जी!
असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
जवाब देंहटाएंश्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद
बेहद सुंदर चर्चा कामनी सिन्हा जी।
जवाब देंहटाएंलिंक शामिल करने हेतु बहुत बहुत आभार ।
सादर ।
सुन्दर लिंक्स से सजा आज का चर्चामंच |
जवाब देंहटाएंसुप्रभात, पठनीय रचनाओं की सूचना देते लिंक्स से सजा चर्चा मंच!
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार कामिनी जी, इस दिलचस्प चर्चा का हिस्सा बनाने के लिए.
जवाब देंहटाएंसुबह-सुबह पढ़ने के खूब मज़े लिए !
सभी का दिन अच्छा बीते !
लिखने को कुछ नया सूझे .
नमस्ते.
सर्वप्रथम मेरी रचना को शीर्ष बिंदु बनाने के लिए आपका हृदय से आभार सखी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।सादर
बहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज की चर्चा ! मेरी रचना को आज की चर्चा में स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार कामिनी जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत चर्चा संकलन
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन
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